Lebanon Pegars Blast News: लेबनान में हुए पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट ने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया। हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत और हजारों लोग घायल हुए हैं। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर यह पेजर किस कंपनी के जरिए हिजबुल्लाह के जरिए पहुंचे?
हिजबुल्लाह ने इन हमलों के लिए इजरायल को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और बदला लेने की बात कही। दूसरी ओर इजरायल की तरफ से इस पर कोई बयान अबतक नहीं दिया गया। अमेरिकी एजेंसियों का दावा है कि इजरायल इन हमलों के लिए पिछले 15 सालों से प्लानिंग कर रहा है। वहीं, इस बीच लेबनान में हुए पेजर ब्लास्ट में भारत और केरल का कनेक्शन भी सामने आया है।
रिनसन जोस की कंपनी का क्यों आया नाम?
लेबनान पेजर ब्लास्ट में एक नॉर्वे के नागरिक रिनसन जोस का नाम जुड़ रहा है, जिसका जन्म केरल में हुआ है। हंगरी की मीडिया दावा कर रही हैं कि पेजर के सौदे में बुल्गारिया की एक कंपनी नोर्टा ग्लोबल लिमिटेड शामिल है। कंपनी की स्थापना रिनसन जोस ने की है। वह नोर्वे के नागरिक हैं, लेकिन उनका जन्म केरल के वायनाड में हुआ था। रिनसन एमबीए करने का बाद नॉर्वे चले गए थे।
दर्जी हैं रिनसन जोस के पिता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिनसन के पिता जोस मूथेडम एक दर्जी हैं। मनंतावडी में एक दर्जी की दुकान में वह काम करते हैं और अपने इलाके में ‘टेलर जोस’ के नाम से मशहूर हैं.
हालांकि बुल्गारियाई सुरक्षा एजेंसी SANS का कहना है कि उसने जांच में पाया गया कि उनके देश से इस तरह के किसी भी सामान की डिलीवरी नहीं हुई है। यानी उन्होंने पूरे मामले में रिनसन को क्लीन चीट दे दी।
पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट से दहला लेबनान
लेबनान के कई शहरों में 17 सितंबर को अचानक, घरों, सड़कों, दुकान, बाजारों में बड़े पैमाने पर पेजर में ब्लास्ट होने शुरू हो गए। किसी की जेब में तो किसी के हाथ में ही पेजर फट गया।ब्लास्ट की घटना सिलसिलेवार 1 घंटे तक लेबनान से लेकर सीरिया तक हुआ। इस घटना में कई लोग मारे गए, जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए। पेजर के बाद अगले दिन वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुए, जिसमें भी कई लोग मारे गए।
लेबनान में जिन पेजर्स में ब्लास्ट हुआ है उन पर ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो का नाम था। हालांकि कंपनी के CEO चिंग कुआंग ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ये उनके प्रोडक्ट नहीं हैं। केवल ब्रैंड का इस्तेमाल किया गया है।