मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए गुरुवार को 24 डिपार्टमेंट पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया गया. हर कमेटी में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों को शामिल किया गया. कांग्रेस को 4 कमेटियों की अध्यक्षता दी गई है. राहुल गांधी को रक्षा मामलों की स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है. कांग्रेस के पास 4, भाजपा 11, टीएमसी और डीएमके 2-2 समितियों की अध्यक्षता करेगी. वहीं JDU, TDP, SP, शिवसेना (एकनाथ), NCP (अजित) को एक-एक समिति की अध्यक्षता करने का मौका दिया गया है.
ऐसे में सवाल है कि क्या होती हैं ये कमेटी, कैसे काम करती हैं, राहुल गांधी को जिस डिफेंस स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है वो क्या है और कैसे काम करेगी?
क्या है पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी और इनका काम?
देश की संसद पूरे सालभर नहीं चलती, लेकिन मंत्रालयों और विभागों से जुड़े कामों को संभालने का काम कमेटी करती है. इसलिए इनका रोल काफी अहम होता है. संसद में कुल 24 डिपार्टमेंटल पार्लियामेंटल स्टैंडिंग कमेटी हैं. यह दो तरह की होती हैं. पहली है स्टैंडिंग कमेटी और दूसरी, एड हॉक कमेटी. एड हॉक कमेटी को कुछ खास कामों के लिए बनाया जाता है. काम पूरा होने पर इसे खत्म कर दिया जाता है. वहीं, पार्लियामेंटल स्टैंडिंग कमेटी खासतौर पर मंत्रालय के लिए होती हैं.
24 पार्लियामेंटल स्टैंडिंग कमेटी में से 16 लोकसभा और 8 कमेटी राज्यसभा के लिए होती हैं. हर कमेटी में 31 मेंबर होते हैं. इसमें 21 लोकसभा और 10 राज्य सभा से होती हैं. हर कमेटी का कार्यकाल एक साल से ज्यादा नहीं होता. इनका काम सम्बंधित मंत्रालयों और विभागों से जुड़े विधेयकों की समीक्षा करना है, मंत्रालयों की सिफारिशों को समझना, उनकी एनालिसिस करना है. इनकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार काम करती है.
डिफेंस पार्लियामेंट्री कमेटी क्या करेगी?
डिफेंस पार्लियामेंट्री कमेटी के 4 प्रमुख काम हैं. पहला, समय-समय पर रक्षा मंत्रालय और उससे जुड़े विभाग की मांगों पर विचार करना, उसकी रिपोर्ट तैयार करना और संसद में पेश करना. दूसरी, रक्षा मंत्रालय से जुड़े विधेयक की जांच और अध्ययन करना. तीसरा रक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट पर विचार करना और उस पर अपने विचार रखना. चौथा- नेशनल पॉलिसी के दस्तावेजों को विचार करने के लिए सदन में पेश करना. इसके अलावा सभापति कमेटी को कोई मामला भेजते हैं तो कमेटी उस पर रिपोर्ट तैयार करेगी.
सदन में बजट पर सामान्य चर्चा खत्म होने के बाद लोकसभा को एक निश्चित अवधि के लिए स्थगित कर दिया जाता है. फिर यह समिति रक्षा मंत्रालय की मांगों पर रिपोर्ट तैयार करती है. सदन में मंत्रालय की सिफारिशों को हरी झंडी देने के लिए कमेटी की रिपोर्ट पर ध्यान दिया जाता है. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट के आधार पर उन विषयों का चयन करती है जिस पर काम किया जाना है.
ये हैं संसद की 24 पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी और उनके अध्यक्ष
1. कॉमर्स (डोला सेन), 2. एजुकेशन, विमेन, यूथ एंड स्पोर्ट्स (दिग्विजय सिंह), 3. हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (राम गोपाल यादव), 4. होम अफेयर्स (राधा मोहन दास), 5. इंडस्ट्री (तिरुचि सिवा), 6. होम अफेयर्स (Duplicate) (राधा मोहन दास अग्रवाल), 7. पर्सनल, पब्लिक ग्रीवेंस, लॉ एंड जस्टिस (ब्रिज लाल), 8. साइंस एंड टेक्नोलॉजी (भुवनेश्वर कालिता), 9. ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म और कल्चर (संजय कुमार झा), 10. एग्रीकल्चर, एनिमल हस्बेंड्री (चरणजीत सिंह चन्नी), 11. केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स (कीर्ती आजाद), 12. कोल, माइंस एंड स्टील (अनुराग सिंह ठाकुर), 13. कम्युनिकेशन एंड IT (निशिकांत दुबे), 14. कंज्यूमर अफेयर्स, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन (के कनिमोझी), 15. डिफेंस (राधा मोहन सिंह), 16. एनर्जी (अप्पा चंदू बारणे), 17. एक्सटर्नल अफेयर्स (शशि थरूर) फाइनेंस (भर्तृहरि महताब), 19. हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स (मगुंता श्रीनिवासुलू रेड्डी), 20. लेबर, टेक्सटाइल एंड स्किल डेवलपमेंट (बसवराज बोम्मई), 21. पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस (सुनील दत्तात्रेय), 22. रेलवे (सीएम रमेश), रूरल डेवलपमेंट और पंचायती राज (सपतागिरी संकार उलाका), 24. सोशल जस्टिस (पीसी मोहन).