विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाला प्रसाद लड्डू में मिलावट का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। बात CBI जांच तक आने लगी। वहीं, दूसरे ओर इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। अब इस पूरे मामले पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा कि इन सबके पीछे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय साजिश के संकेत लग रहे हैं, जिसका मकसद सनातन को मिटाना है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पूरा मामले पर कहा है कि सनातन को मिटाने की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिश चल रही है। विदेशी ताकत सनातन को मिटाने के लिए षड्यंत्र रच रही है। विदेशी ताकत भारत को मिटाना चाहती हैं और उन्हें मालूम है कि सनातन को मिटाए बिना भारत को नहीं मिटाया जा सकत। आचार्य ने दावा किया है कि विदेशी ताकतों के इस षड्यंत्र में भारत के भी कुछ राजनीतिक दल और बड़े नेता शामिल है।
सनातन धर्म को मिटाने की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साजिश-प्रमोद कृष्णम
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे धर्म को मिटाने की जो साजिश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है, उसमें भारत के कुछ राजनीतिक दल और नेता भी शामिल हैं। यह परिणाम उसी का है। अब तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है।यह मामला तब का है जब वाईएसआर कांग्रेस की सरकार थी। जगन मोहन रेड्डी ने हिंदुओं के साथ छल किया है। यह घोर पाप है। इसका प्रायश्चित करना बड़ा मुश्किल है।
प्रमोद कृष्णम ने की हिंदूओं से बड़ी अपील
कृष्णम का कहना है कि पहले सनातन को मिटाने की कोशिश की गई और अब सनातन को भ्रष्ट करने के लिए षडयंत्र किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने अपील की है कि सनातन को सुरक्षित रखने के लिए सभी को एक होना पड़ेगा। हमारे साथ लगातार धोखा किया जा रहा है। तिरुपति बालाजी मंदिर सनातन धर्म की आस्था का प्रमुख केंद्र है। भारत में सनातन की रक्षा के लिए कोई ऐसी संस्था बनाई जाए जो तमाम मंदिरों और सनातन के प्रमुख केद्रों की संचालन के साथ-साथ सुरक्षा भी कर सके l
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर आरोप लगाए है कि सरकार ने विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया था। उनके इस बयान के बाद देशभर में बवाल है। नेताओं से लेकर आमलोगों तक की इस पर प्रतिक्रिया आ रही है। आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले लागों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग उठने लगी है।