आनन्द श्रीवास्तव की रिपोर्ट-
नौतनवा/महराजगंज। सीमावर्ती क्षेत्रों और नौतनवा नगर में मिलावटी हल्दी, लाल मिर्च और अन्य मसालों की बिक्री जोरों पर है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। सूत्रों के अनुसार, इन मिलावटी मसालों में जानलेवा पदार्थों की मिलावट की जा रही है। हल्दी में चावल की खुद्दी, लाल मिर्च में पशुओं को खिलाने वाला चोकर, और मरीच के स्थान पर पपीते के बीज, पोश्ते के दाने में सूजी तथा दालचीनी में यूकेलिप्तिस के पेड़ो की छाल मिलाए जा रहे हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। इन मिलावटों के चलते कैंसर जैसे गंभीर रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है।
सूत्रों का कहना है कि मिलावटी मसालों की पैकिंग और उत्पादन तिथियों तक को नकली तरीके से तैयार किया जा रहा है। कम कीमतों पर बाजार में नकली मसालों का कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है। बताया जा रहा है कि नौतनवा और इसके सीमावर्ती बाजार मिलावटी मसालों का केंद्र बन गए हैं, जहां थोक और फुटकर रूप से इन मसालों की बिक्री की जा रही है। नगर में कई मसाला कारोबारियों द्वारा खुलेआम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, और प्रशासन इस ओर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा है।
प्रशासन द्वारा त्योहारों के मौसम में मिठाइयों की दुकानों पर सैम्पलिंग का दिखावा कर दिया जाता है, लेकिन मसालों के कारोबार पर प्रशासन की कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होती। मिलावटखोर बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं, जिससे आम जनता की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
विश्व स्तरीय ब्रांडेड कंपनियों के कई खाद्य मसालों में मानक के अनुरूप तत्व नहीं पाए जाने के कारण उन्हें अन्य देशों में प्रतिबंधित किया गया है। वहीं, इन मसालों में कैंसर के कारक भी मिलने की सूचना भी सामने आई है। नौतनवा नगर तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में मिलावटी मसालों की उपलब्धता न केवल स्थानीय बाजार को प्रभावित कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रही है।
इस मिलावटी कारोबार पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई न होने से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हो रहे हैं, और आम जनता के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ किया जा रहा है। समय रहते अगर इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।