महराजगंज। तुर्किए में नौकरी का फर्जी ऑफर लेटर, वीजा और टिकट देकर भिटौली के एजेंट ने देवरिया के दो युवकों से 12.48 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ितों की तहरीर पर पुलिस पांच आरोपियों पर केस दर्ज कर जांच कर रही है।
देवरिया जिले के सवरेजी गांव के दीपू रावत व विशुनपुर भरथराय गांव के सुभाष चंद्र चौहान की भिटौती थाना पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, विदेश में नौकरी की तलाश में ये महराजगंज जिले में काम करने वाली एक प्लेसमेंट एजेंसी ग्लोबल इंटरनेशनल के संपर्क में आए। इसका मालिक शेर आलम निवासी ग्राम भटगावां उर्फ तरकुलवा थाना श्यामदेउरवा जिला महराजगंज व कलीमुल्लाह खांन देरवां थाना भिटौली जिला महराजगंज व रफीउल्लाह सोहसा बासपार थाना भिटौली हैं। इनके दो और साथी शानू व हारून हैं जो ग्राम गंगराई (सिसवा मुन्शी व धरमपुर) थाना भिटौली के रहने वाले हैं। इन सभी ने दोनों को तुकिॅए में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया। इसके लिए अगस्त में दीपू ने छह लाख और सुभाष ने 6.48 लाख रुपये एजेंसी को दे दिए। रुपये देने के एक हफ्ते में ही दोनों को तुकिॅए की एक कंपनी में नौकरी के ऑफर लेटर के साथ ही वीजा व टिकट दे दिया। जब वे गांव पहुंच और ऑफर लेटर, वीजा की कुछ परिचितों को दिखाया तो उन्होंने उसके गड़बड़ होने का शक जताया, जब इसती जांच की गई तो पता चला कि सारे कागजात फर्जी हैं। तीन-चार दिन बाद वे एजेंसी पहुंचे और अपने रुपये वापस मांगने लगे। नहीं देने पर भिटौली थाने में शिकायत की। पुलिस की मौजूदगी में आरोपियों ने किस्तों में रुपये वापस करने का भरोसा दिया। कहा कि पहली किस्त के रूप में 15 सितंबर को 3 लाख 10 हजार रुपये देने को कहा। 15 सितंबर को जब उन्होंने रुपये नहीं दिए तो पीड़ितों ने पुलिस को तहरीर दे दी, जिसके आधार पर पुलिस ने सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
मलेशिया भेजने के नाम दे दिया फर्जी वीजा, पिता-पुत्र पर केस
महराजगंज। मलेशिया में नौकरी दिलाने के नाम चार लाख से अधिक रकम ठगने और धमकी देने के आरोप में पुलिस ने पिता-पुत्र पर के खिलाफ केस दर्ज किया है।
बरियारपुर थाना भिटौली के रहने वाले कमरे आलम की तहरीर के अनुसार, वर्ष 2017 के सितंबर महीने में उनकी मुलाकात औरंगजेब और इंताफ अली निवासी राजमंदिर से हुई थी। बातचीत में औरंगजेब व उसके पिता इंताफ ने बताया कि वे लोग विदेश में नौकरी दिलाते हैं। उसने कहा कि पांच लाख रुपया दे तों वह उन्हें मलेशिया का आजाद वीजा व अच्छी कम्पनी में नौकरी दिलवा देंगे। उनकी बातों में आकर उन्होंने औरंगजेब के खाते में 23 अक्तूबर 2017 को 2,50,000 रुपये, 18 अगस्त 2018 को बीस हजार व 49,999 रुपये भेजा। 25 नवंबर 2018 को 1,50,000 रुपये भेजा। कुछ दिनों बाद वाट्सएप पर औरंगजेब ने एक वीजा भेज दिया। उसने जांच कराई तो पता चला कि वीजा फर्जी है। तब उसने अपनी रकम मांगे। इस पर वे आज-कल करते हुए टरकाने लगे। बाद में गाली देते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। इस पर कमरे ने भिटौली पुलिस ने तहरीर दे दी, जिसके आधार पर 27 सितंबर को पुलिस ने आरोपी पिता-पुत्र पर केस दर्ज कर लिया।