फरेंदा/महराजगंज: गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित भैया फरेंदा चौराहे पर दो महीने पहले गिरा दो मंजिला मकान आखिरकार शनिवार को स्थानीय प्रशासन और पीएनसी कंपनी की देखरेख में हटाया गया। मकान का मालिक अशोक मद्धेशिया ने मलबा हटाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि बिना क्षतिपूर्ति मिले यह कार्य उनके साथ अन्याय है।
27 जून की शाम को फरेंदा क्षेत्र के भैया फरेंदा चौराहे पर स्थित अशोक मद्धेशिया का दो मंजिला मकान अचानक सड़क की ओर गिर गया था। सौभाग्य से घटना के समय मकान के अंदर कोई मौजूद नहीं था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। मकान का आधा हिस्सा सड़क चौड़ीकरण परियोजना के तहत आ गया था, जिसके चलते मकान मालिक ने उसका एक हिस्सा पहले ही तोड़ दिया था। हालांकि, मिट्टी के कटाव के कारण बचा हुआ हिस्सा भी ढह गया।
मकान के गिरने के बाद अशोक मद्धेशिया और उनके परिवार ने पीएनसी कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें मकान की क्षतिपूर्ति की मांग की गई। अशोक मद्धेशिया ने आरोप लगाया कि मकान गिरने के लिए कंपनी और प्रशासन जिम्मेदार हैं, क्योंकि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मिट्टी निकालने से मकान का आधार कमजोर हो गया था।
शनिवार को नायब तहसीलदार अंकित अग्रवाल, पीएनसी के अधिकारी, और स्थानीय पुलिस बल की मौजूदगी में मकान का मलबा हटा दिया गया। हालांकि, मलबा हटाए जाने से पहले मकान मालिक ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उन्हें अब तक मकान की क्षतिपूर्ति नहीं मिली है, जो उनके परिवार के साथ अन्याय है।
मकान मालिक अशोक मद्धेशिया ने इस मुद्दे को लेकर उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की है और क्षतिपूर्ति की मांग को दोहराया है। उनका कहना है कि बिना मुआवजा दिए प्रशासन द्वारा मलबा हटाना अनुचित है। अब, परिवार न्याय के लिए अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहा है।