इंदिरा एकादशी व्रत से पितरों की आत्मा को मिलेती है शांति, मोक्ष प्राप्ति की है मान्यता

इंदिरा एकादशी व्रत से पितरों की आत्मा को मिलेती है शांति, मोक्ष प्राप्ति की है मान्यता

इंदिरा एकादशी का व्रत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को मनायी जाती है। इंदिरा एकादशी का व्रत पितृ पक्ष के दौरान आता है। इसे पितरों की मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इंदिरा एकादशी व्रत आज है। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस महीने की इंदिरा एकादशी शनिवार को मनायी जाएगी। इस दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु की आराधना करेंगे। इस व्रत से न केवल व्यक्ति के पापों का नाश होता है, बल्कि पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। इंदिरा एकादशी के दिन श्रद्धालु भगवान विष्णु का पूजन करते हैं, व्रत रखते हैं और भजन कीर्तन करते हैं। इस दिन व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जो व्यक्ति इंदिरा एकादशी का व्रत करता है। उसे अपने पूर्वजों के लिए भी पुण्य मिलता है। वे पितृलोक से मुक्त होकर स्वर्ग में स्थान प्राप्त करते हैं। 

पूजा-विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु को पीले फूल, पीतांबर वस्त्र, फल और मिठाई अर्पित करें।

भगवान की आरती करें। 

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। 

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। 

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