घटना का खुलासा तब हुआ जब दो दिन पहले गोरखपुर नंबर की एक भारतीय गाड़ी का चालक नेपाल के भंसार पर पकड़ा गया। जांच के दौरान चालक ने बताया कि उसने दो दिन के लिए नेपाल कस्टम से दलाल के माध्यम से कागजात बनवाए थे। जब कस्टम अधिकारियों ने कागजों की जांच की, तो पता चला कि उक्त दस्तावेजों पर पहले से एक भारतीय ट्रक की एंट्री हो चुकी है। इससे अधिकारियों को पूरे खेल का अंदेशा हो गया।
नेपाल कस्टम कार्यालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि जांच के दौरान पता चला कि भारतीय नंबर प्लेट की क्रेटा कार के कस्टम कागजात नकली हैं। गाड़ी के चालक से मिली जानकारी के आधार पर आरोपी लल्लन ठाकुर (चितवन निवासी), विकास गुरुंग (भैरहवा निवासी), और सोनू मद्धेशिया (सोनौली निवासी) को पकड़ा गया। पूछताछ में सोनू मद्धेशिया ने बताया कि उसने यह नकली कस्टम कागज नौतनवा के एक साइबर कैफे से बनवाए थे।
गिरफ्तार आरोपियों को नेपाल कस्टम कार्यालय ने हिरासत में ले लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
कई दिनों से चल रहा था नकली कागजात का खेल-
यह मामला केवल हालिया घटना तक सीमित नहीं है। नकली कागजात का खेल काफी समय से चल रहा था। दलाल बिना वैध दस्तावेजों के मोटी रकम लेकर भारतीय वाहनों के नकली आरसी, कस्टम कागज, और रूट परमिट बनाकर उन्हें नेपाल में प्रवेश दिला देते थे। यह खेल चोरी के वाहनों को नेपाल में भेजने का एक बड़ा जरिया बन चुका है। नेपाल कस्टम अधिकारियों को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।