लखनऊ: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर (Tirupati Mandir) में प्रसाद वाले मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है। लड्डू में जानवरों की चर्बी और एनिमल फैट मिले होने की बात सामने आने के बाद सियासी गलियारों से लेकर साधु समाज और जनता तक में गुस्से की लहर है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने भी भड़ास निकाली है। उन्होंने पुजारी और संत समाज पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।स्वामी मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि तिरुपति बालाजी मन्दिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने की घटना ने मन्दिर के व्यवस्थापक सन्त, महन्त, पण्डे, पुजारियों के मिली भगत का पोल खोल दिया है। क्योंकि “प्रसाद” या प्रसाद हेतु लायी गई सामग्री बिना उनकी सहमति के मन्दिर प्रांगण में आ ही नहीं सकती। यह धर्माचार्य, पण्डे, पुजारी और सन्त महन्त केवल जनता और भक्तों को ही नहीं अपितु अपने तथाकथित भगवान को भी धोखा दिया है।
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष मौर्य ने लिखा, ‘इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि तथाकथित हिंदू धर्म का दुश्मन कोई और नहीं बल्कि इस धर्म के ठेकेदार ही है। यह और भी चिन्तनीय इसलिए है क्योंकि तथाकथित हिन्दू धर्म के ठेकेदारों एवं उनके सहयोगी पार्टियों की सरकारें केन्द्र और प्रदेशों में है।’
इससे पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस घटना को लेकर कहा कि जिस किसी ने भी यह किया है, वो गलत किया और उसके खिलाफ कानून अपना काम करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उत्तर प्रदेश में इसका खास ध्यान रखा जाएगा कि ऐसी घटना न हो। अगर किसी तीर्थस्थल में ऐसी शिकायत आती है तो जो जरूरी कदम होंगे उठाए जाएंगे।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘जो सूचना मिली है, मैंने देखा है, मैं भी तिरुपति बालाजी का और भगवान रामलला का भक्त हूं। कहीं भी किसी तीर्थस्थल में इस प्रकार की शिकायत मिलेगी तो जो जरूरी कदम होंगे, वो उठाएंगे।’ उन्होंने कहा कि हम लोग उत्तर प्रदेश में इसका ध्यान रखेंगे। (तिरुपति मंदिर में) जो भी अगर ऐसा कुछ भी किया है तो गलत किया है। जो भी गलत करेगा, उसके खिलाफ कानून कार्रवाई करेगा।
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