रोहतक: हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम बुधवार सुबह रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आ गए हैं। चुनाव आयोग ने उनके 20 दिन के पैरोल अनुरोध को मंजूरी दे दी है। हालांकि अधिकारियों ने उन्हें हरियाणा में रहने और किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने पर रोक लगा दी है। जेल अधिकारियों के मुताबिक पैरोल के दौरान डेरा प्रमुख उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा में अपने डेरा आश्रम में रहेंगे। उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच उत्तर प्रदेश ले जाया गया है।
गौरतलब है कि 2017 में सजा सुनाए जाने के बाद से यह 11वीं बार है जब गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल या फरलो पर रिहा किया गया है। उन्हें आखिरी बार 13 अगस्त को 21 दिन की फरलो दी गई थी और वे 2 सितंबर को रोहतक की सुनारिया जेल में वापस आ गए थे। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक पैरोल एक खास जरूरत के लिए दो जाती है और वहीं फरलो कारावास से सामान्य ब्रेक होता है। राम रहीम सिंह को कई बार राज्य चुनावों या स्थानीय चुनावों या उपचुनावों के दौरान अस्थाई रिहाई की मंजूरी दी गई है। जानकारों ने बताया है कि आरोप सिद्ध होने के बावजूद उनकी बार-बार रिहाई हरियाणा में उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। वहीं कांग्रेस ने राम-रहीम सिंह को पैरोल दिए जाने के लिए बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता सुभाष बत्रा ने कहा, “चुनाव आयोग को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए और बीजेपी सरकार को चुनाव के दौरान सिंह को पैरोल देने से रोकना चाहिए। बीजेपी को चुनाव में हत्या और बलात्कार के दोषी की मदद लेनी पड़ रही है जो पार्टी के लिए धब्बा है।”
रिहाई की क्या हैं शर्तें?
इससे पहले रोहतक संभागीय आयुक्त ने राम रहीम सिंह की अस्थायी रिहाई के लिए मंगलवार को वारंट जारी किया था। एक दिन पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि राज्य उनके पैरोल याचिका में तथ्यों की सत्यता और आदर्श आचार संहिता के संबंध में उनके अनुरोध पर निर्णय ले सकता है। हालांकि सरकार ने डेरा प्रमुख की याचिका को कुछ शर्तों के बाद माना है। वारंट में कहा गया था कि राम रहीम सिंह को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा में डेरा के आश्रम में रहना होगा। जेल के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एक नोट जारी कर बताया, “उचित विचार-विमर्श के बाद सरकार ने जिला जेल, रोहतक में बंद दोषी संख्या 8647/सी गुरमीत राम रहीम सिंह के संबंध में 20 दिनों की अवधि के लिए पैरोल की अनुमति दी है बशर्ते कि उसके आवेदन में दिए गए तथ्य सत्य हों और इस शर्त के साथ कि उक्त कैदी पैरोल की अवधि के दौरान हरियाणा का दौरा नहीं करेगा।”
चुनाव संबंधी गतिविधि में शामिल होने पर रोक
इसके अलावा इस अवधि के दौरान वह कोई सार्वजनिक भाषण नहीं दे पाएंगे या किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा उनकी आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधि में शामिल न हो। यदि वह किसी आपत्तिजनक गतिविधि में लिप्त पाए जाते हैं, तो उसकी पैरोल तुरंत रद्द कर दी जाएगी। राम रहीम सिंह को रिहाई वारंट में दिए गए शर्तों का ईमानदारी से पालन करने के लिए ₹3 लाख का व्यक्तिगत बांड और दो जमानत भी देनी होगी।
अब तक 255 दिन जेल से बाहर बिताएं
2017 में सीबीआई अदालत द्वारा दो शिष्यों के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राम रहीम 20 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। बाद में उन्हें दो हत्या के मामलों में भी दोषी ठहराया गया और इस जेल अवधि के बाद उन्हें उन अपराधों के लिए आजीवन कारावास की सजा काटनी होगी। राम रहीम और तीन अन्य को 16 साल से अधिक पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए जनवरी 2019 में दोषी ठहराया गया था। अक्टूबर 2021 में उन्हें और चार अन्य को डेरा के प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए दोषी ठहराया गया था। अपनी सजा के बाद से डेरा प्रमुख ने अब तक 255 दिन जेल से बाहर बिताए हैं।