Delhi CM Atishi: आतिशी सीएम तो बन गईं, लेकिन सरकार चलाने की राह आसान नहीं होगी, जानिए क्या हैं बड़ी चुनौतियां

Delhi CM Atishi: आतिशी सीएम तो बन गईं, लेकिन सरकार चलाने की राह आसान नहीं होगी, जानिए क्या हैं बड़ी चुनौतियां

 

नई दिल्ली: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी बन चुकी हैं। शनिवार को राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आतिशी के साथ 5 मंत्रियों ने भी शपथ ली। आतिशी आम आदमी पार्टी की बड़ी नेताओं में से एक हैं, यही वजह है कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें ये जिम्मेदारी दी। लेकिन दिल्ली की नई नवेली सीएम आतिशी के सामने कई चुनौतियां हैं। आतिशी की आगे की राह आसान नहीं होगी। आम आदमी पार्टी पहले से ही कई गंभीर आरोपों से जूझ रही है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आतिशी दिल्ली की सरकार कैसे संभालती हैं।

विपक्ष के हमले होंगे तेज

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने जब से इस्तीफे का ऐलान किया है, तभी से बीजेपी समेत पूरा विपक्ष आम आदमी पार्टी पर लगातार हमलावर है। बीजेपी आप सरकार पर कुप्रबंधन के आरोप लगा रही है। ऐसे में आतिशी को सरकार के कामकाज में तेजी लाने की जरुरत है। उन्हें कम वक्त में ज्यादा काम करने की जरूरत है। बीजेपी के साथ कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। आतिशी को अपने कामकाज के बलबूते पर ही विपक्ष को जवाब देना होगा।

पार्टी की छवि सुधारना होगा बड़ा टास्क

दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में जमानत पर हैं। इसके अलावा मनीष सिसोदिया भी कई महीनों जेल में रहने के बाद बाहर आए हैं। ऐसे में पार्टी की छवि सुधारना मुख्यमंत्री आतिशी के लिए बड़ा टास्क होगा। आतिशी को सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ-साथ जनता के बीच जाकर पार्टी का पक्ष रखना होगा।

सरकार के वादों को करना होगा पूरा

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता से कई अहम वादे किए। उन्होंने 2025 तक यमुना साफ करने, मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 1,000 रुपये मानदेय देने, सेवाओं को घर तक पहुंचाने की योजना, दिल्ली इलेक्ट्रिक वीकल नीति 2.0 और सौर नीति लागू करने जैसे बड़े वादे किए। अब चुनाव से पहले आतिशी के सामने इन योजनाओं और वादों को पूरा करना होगा। गंभीर आरोपों में घिरी सरकार के लिए इन योजनाओं को धरातल पर उतारना आसान नहीं होगा।

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