मुंबई: महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में कहा जाता है कि जहां शरद पवार खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पहले शरद पवार जहां सबसे फेवरेट बने हुए हैं और उनसे मिलने के लिए नेताओं और टिकट चाहने वालों की कतार लगी है तो वहीं राज्य में एक बार फिर उन्होंने बड़ा खेला कर दिया है। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की अगुवाई वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की महाराष्ट्र इकाई शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी में विलय करेगी। शरद पवार के इस दांव को उनके पावर गेम के तौर देखा जा रहा है। ऐसे में जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की घोषणा में गिनती के दिन बचे हैं तब महाविकास आघाडी (एमवीए)/इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों के नेता भी पवार के ही चक्कर लगा रहे हैं।
6 अक्तूबर को होगा विलय
जानकारी के अनुसारमंगलवार को पुणे में बीआरएस महाराष्ट्र के राज्य मुख्य समन्वयक बालासाहेब देशमुख और शरद पवार के बीच इस संबंधन में एक बैठक हुई थी। इसके बाद अब यह तय माना जा रहा है कि बीआरएस की यूनिट का अब शरद पवार की पार्टी में विलय होगा। औपचारिक विलय 6 अक्टूबर को पुणे के निसर्ग मंगल कार्यालय में रखा गया है। इस दौरान बीआरएस महाराष्ट्र यूनिट के तमाम नेता शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की महाराष्ट्र इकाई के विलय से तेलंगाना से सटे महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में शरद पवार की पकड़ और मजबूत होगी।
शरद गुट को मिलेगी मजबूती
राजनीतिक हलकों में ऐसा माना जा रहा है कि भले ही हाल ही में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान बीआरएस को हार का सामना करना पड़ा था लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी ने विस्तार हुआ है। उसे स्थानीय निकाय के चुनावों में जीत भी मिली थी। केसीआर ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रहते हुए आखिरी दिनों में कई बार महाराष्ट्र का दौरा किया था। उन्होंने टीआरएस को बीआरएस करके महाराष्ट्र से पार्टी के विस्ताार की योजना बनाई थी। महाराष्ट्र के राज्य मुख्य समन्वयक बालासाहेब देशमुख देशमुख ने किसानों के सामने आने वाले दबाव वाले मुद्दों को हल करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट होने की अपील की है।
विलय ही एकमात्र विकल्प: देशमुख
देशमुख ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव के बाद हमारे पार्टी नेता के चंद्रशेखर राव का एक्सीडेंट हो गया। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से महाराष्ट्र में पार्टी की गतिविधियां रुक गई हैं। ऐसे में राज्य समन्वयकों के साथ चर्चा के बाद हमने अपनी महाराष्ट्र इकाई का एनसीपी (एसपी) के साथ विलय करने का फैसला किया। देशमुख ने कहा कि बीआरएस के सदस्य शुरू में तेलंगाना में केसीआर की किसान-केंद्रित नीतियों की ओर आकर्षित हुए थे, लेकिन हाल के लोकसभा चुनावों में भागीदारी नहीं होने और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कोई स्पष्टता नहीं होने के कारण महाराष्ट्र इकाई ने विलय को सबसे अच्छा कदम माना।