नई दिल्ली: राफेल एम लड़ाकू विमान को लेकर भारत को बड़ी कामयाबी मिलने वाली है. फ्रांस ने 26 राफेल मरीन जेट की खरीद के लिए भारत को फाइनल प्राइज ऑफर किया है, जिस पर चर्चा के लिए सोमवार को अजीत डोभाल फ्रांस जा रहे हैं. जहां वे फ्रांसीसी एनएसए के साथ रणनीतिक वार्ता करेंगे.
यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, राफेल एम के जरिए भारत अपनी समुद्री हमले की क्षमता को मजबूत करेगा. भारत ने अनुरोध पत्र में डेविएशन को भी मंजूरी दे दी है, जो कि सरकार से सरकार के सौदों के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट के बराबर है. फ्रांस और भारत के बीच पिछले हफ्ते भी बातचीत हुई थी. उस वक्त भारत के साथ चर्चा को अंतिम रूप देने के लिए एक फ्रांसीसी टीम दिल्ली आई थी.
फ्रांस ने दिया फाइनल रेट
अजीत डोभाल की यात्रा से पहले ही फ्रांस ने भारत के सामने राफेल का अंतिम मूल्य रख दिया है. रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस बार फ्रांस ने रकम में कटौती की है और परियोजना के लिए फ्रांस की ओर से भारतीय अधिकारियों को सर्वोत्तम मूल्य दिया गया है. हालांकि, फाइनल डील कितने में होगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस सौदे की कीमत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के होने की उम्मीद है.
भारत ने सौदे के लिए दस्तावेज तैयार किए
भारत ने इस रक्षा सौदे के लिए निविदा दस्तावेज तैयार कर लिए हैं. डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल-एम जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मुहैया कराएगा. इस डील में भारतीय हथियारों को असेंबल करने के लिए पैकेज भी शामिल हैं. इन हथियारों में अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल, रडार सिस्टम, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए भारतीय नेवी की जरूरत के हिसाब से जरूरी इक्विपमेंट शामिल किए जाएंगे.
नौसेना की बढ़ेगी ताकत
यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इस सौदे में भारतीय नौसेना के लिए 22 सिंगल सीट राफेल-एम जेट खरीदे जा रहे हैं और 4 डबल ट्रेनर सीट राफेल-एम जेट हिंद महासागर में चीन से मुकाबले के लिए INS विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे.