लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ भीषण युद्ध के बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने गठबंधन का विस्तार करते हुए और सरकार में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए अपने कट्टर विरोधी गिदोन सार को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। सार के प्रधानमंत्री के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। वह कभी नेतन्याहू की ‘लिकुड पार्टी’ के उभरते सितारे थे, लेकिन चार साल पहले उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और अपने अलग दल का गठन किया। नेतन्याहू ने कहा कि देश की भलाई के लिए उन्होंने सार से मतभेदों को दरनिकार कर लिया है।
नेतन्याहू ने बताया कि समझौते के तहत, सार बिना किसी विभाग के मंत्री के रूप में काम करेंगे और उस सुरक्षा कैबिनेट में शामिल होंगे जिस पर पश्चिम एशिया में इजराइल के शत्रुओं के खिलाफ जारी युद्ध के प्रबंधन की निगरानी है। इससे पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सार को रक्षा मंत्री का पद दिया जा सकता है और मौजूदा मंत्री योआव गैलेंट को किनारे किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सार (57) को भी उम्मीद थी कि वह नेतन्याहू के एक और प्रतिद्वंद्वी एवं रक्षा मंत्री योआव गैलेंट की जगह लेंगे, लेकिन बताया जा रहा है कि इजराइल की उत्तरी सीमा पर हिजबुल्लाह के साथ लड़ाई तेज होने के कारण गैलेंट फिलहाल पद पर बने रहेंगे।
नेतन्याहू और सार में तनावपूर्ण संबंध
सार के प्रधानमंत्री के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। वह कभी नेतन्याहू की ‘लिकुड पार्टी’ के उभरते सितारे थे, लेकिन चार साल पहले उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और अपने अलग दल का गठन किया। हाल के महीनों में सार ने कहा है कि इजराइल को हमास का विनाश होने तक लड़ना चाहिए। उन्होंने हिजबुल्ला के प्रायोजक ईरान के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की। नेतन्याहू की तरह वह भी फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना का कड़ा विरोध करते हैं।
बताया- क्या थी मजबूरी
नेतन्याहू और सार ने एक संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने राष्ट्र की भलाई के लिए अपने मतभेदों को दरकिनार कर दिया है। सार के मंत्रिमंडल में शामिल होने से 120 सीट वाली संसद में नेतन्याहू के बहुमत वाले गठबंधन के पास कुल 68 सीट हो गई हैं।