ग्रीन पार्क का वो सिनेमाघर जो हो गया था कुछ ही मिनटों में राख, चली गई थी 59 लोगों की जान

ग्रीन पार्क का वो सिनेमाघर जो हो गया था कुछ ही मिनटों में राख, चली गई थी 59 लोगों की जान

 

चाहे आज का दौर हो या आज से 30 साल पहले का दौर हो, फिल्में देखना हर किसी को पसंद है। वक्त कितना भी बदल जाए, लेकिन जो मजा सिनेमाघर में जाकर बड़ी स्क्रीन पर फिल्म देखने का है, वो कहीं नहीं हैं। जब भी हम किसी सिनेमाघर में फिल्म देने जाते हैं, तो वहां चमक-धमक के अलावा, सुरक्षा से जुड़े इंतजाम को नजरअंदाज कर देते हैं, जो हमारी सबसे बड़ी भूल होती है। ऐसे में आज हम आपको उस सिनेमाघर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने 59 लोगों ने अपनी जान ले ली थी।

जी हां हम बात कर रहे हैं, उपहार सिनेमा अग्निकांड की, जिसने 27 साल पहले पूरे भारत को हिला कर रख दिया था। ये अग्निकांड इतना भयानक था, कि आज भी लोगों के जेहन में उस हादसे का डर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। आइए जानते हैं इस पूरे हादसे के बारे में, आखिर किन गलतियों के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

क्या है उपहार सिनेमा, कब लगी थी आग

13 जून 1997 को दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में भीषण आग लगने से 59 लोगों की जान चली गई थी और 103 लोग घायल हो गए थे। बता दें, दिल्ली के ग्रीन पार्क की गिनती पॉश एरिया में की जाती है। आज भी ग्रीन पार्क के मेन रोड पर जली हुई हालात में ये सिनेमाघर मौजूद है। बता दें, इस सच्ची घटना पर ‘ट्रायल बाय फायर’ नाम की एक मिनी वेब सीरीज बनाई गई है, जिसे Netflix पर साल 2023 में रिलीज किया गया था।

 

कौन सी फिल्म देख रहे थे दर्शक

उस दौरान इस हॉल में 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित ‘बॉर्डर’ फिल्म चल रही थी। जिसे जे पी दत्ता ने डायरेक्ट किया था और फिल्म की मुख्य भूमिका में सनी देओल, सुनी शेट्टी, जैकी श्रॉफ समेत कई बेहतरीन एक्टर थे। ये फिल्म उस समय काफी हिट हुई थी और कोई भी ऐसा शो नहीं था, जो हाउसफुल न हुआ हो। लेकिन किसे पता था कि जिस फिल्म को देखने के लिए लोग आए हैं, उनमें से कई लोगों की जान चली जाएगी।

 

कैसे लगी थी आग?

जानकारी के अनुसार उपहार सिनेमा अग्निकांड होने से पहले 13 जून 1997 की सुबह 6.55 बजे इसी सिनेमाघर के ग्राउंड फ्लोर पर लगे दो ट्रांसफार्मरों में से बड़े ट्रांसफार्मर में आग लग गई थी। जिसके बाद इलेक्ट्रीशियन को बुलाया गया, जिसने इसकी मरम्मत की। जिसके बाद इलेक्ट्रीशियन ये बोल कर निकल गया कि सब ठीक है, लेकिन ट्रांसफार्मर की एक केबल ढीली हो जाने के कारण उसमें फिर से आग लग गई और तेजी से स्पार्किंग होने लगी। जिसके बाद फिल्म खत्म होने से पहले आग पूरे सिनेमाघर में फैल गई थी। हालांकि ये भी कहा जाता है, कि आग लगने का सबसे बड़ा कारण लापरवाही था।

 

क्या हुई थी लापरवाही

कथित तौर पर ट्रांसफार्मर में ऑयल सॉक पिट (oil soak pit) नहीं था, जो नियमों के अनुसार अनिवार्य है, लेकिन इसके न होने के कारण जलता हुआ तेल अन्य क्षेत्रों में फैल गया। यहां तक कि कुछ दूरी पर पार्किंग एरिया में खड़ी कारों में भी आग लग गई थी। जिसके बाद धुआं सिनेमा हॉल में घुस गया और थिएटर की बिजली गुल हो गई। निचली मंजिल पर मौजूद दर्शक भागने में सफल रहे, जबकि बालकनी पर बैठे दर्शक फंस गए और अंधेरा होने के कारण कई लोगों को एग्जिट गेट नहीं मिला। जिसके बाद 59 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई।

 

उपहार सिनेमा घर में किन चीजों की कमी थी

देखिए, सिनेमाघरों में लोगों की सुरक्षा के लिए कई नियमों का पालन किया जाता, लेकिन उपहार सिनेमाघर में ऐसा नहीं किया गया था। अगर उस समय सेफ्टी का ध्यान रखा जाता, तो शायद कहानी कुछ और ही होती। जानकारी के मुताबिक, उपहार सिनेमा में, एग्जिट लाइट, फुटलाइट (जो अंधेरे में रास्ता दिखाती है) और इमरजेंसी लाइट की कमी थी। इसी के साथ जब आग लगी, लोग फिल्म देखते रहे, लेकिन सिनेमाघर की तरफ से कोई अनाउंसमेंट नहीं हुई।

इसी के साथ बता दें, कई एग्जिट गेट पर ताला लगा दिया गया। यही नहीं सिनेमा हॉल में जितने लोगों की बैठने की क्षमता थी, उससे कई ज्यादा कुर्सियां लगाई गई थी। अगर इन सब का ध्यान बारीकी से रखा जाता है, तो काफी लोगों की जान इस हादसे में नहीं जाती। वहीं, आपको सलाह दी जाती है, अगर आप किसी सिनेमाघर में फिल्म देखने जा रहे हैं, तो जरूर ध्यान दें, कि वहां पर सुरक्षा के लिहाज से नियमों का पालन किया गया है या नहीं।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!